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Details, Fiction and karj mukti upay

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ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः॥११॥ कर्ज के चलते व्यक्ति अपने जीवन के स्वर्णिम समय को भी अच्छे से जी नहीं सकता। स्थिरासनो महाकायः सर्वकर्मविरोधकः ॥१॥ सियार सिंघी सिद्ध मंत्र – ॐ नमो भगवते रुद्राणी चमुन्डानी घोराणी सर्व पुरुष क्षोभणी सर्व शत्रु विद्रावणी। ॐ आं क्रौम ह्रीं जों ह्रीं मोहय मोहय क्षोभय https://directorywidzard.com/listings13221494/the-2-minute-rule-for-karj-mukti-upay

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