किताबें, कहानियां, कविताओं के काफी करीब है, या तो बोलती नहीं है और जब बोलती है तो चुप नहीं होती। लिखना शौक है और पेशा भी। अपने डर को शब्द दो, उसे समझो और स्वीकार करो। खुद से ये सवाल करें: जबकि परिस्थितियां इतनी मुश्किल होती नहीं हैं जितना उन्हें https://jasperjynbq.blog2news.com/39065453/fear-aur-dar-ko-kaise-jeetein-tantrik-upay-divya-sadhana-for-dummies